Tuesday, 16 July 2013

लगता है कॉंग्रेस के तोते उड़े हुए हैं.....


लगता है कॉंग्रेस के तोते उड़े हुए हैं......................
(आगे एक खबर का text है)

मोदी के एक वार से कांग्रेस की सारी प्‍लानिंग तार-तार हो गई. कहां तो सोमवार से कांग्रेस खाद्य सुरक्षा विधेयक पर जोरदार पहल शुरू करने जा रही थी. उसके प्रवक्‍ता देशभर में खाद्य सुरक्षा का डंका बजाने वाले थे, लेकिन मोदी के ‘धर्मनिर्पेक्षता के बुर्के’ वाले बयान के जवाब में एक-दो नहीं करीब 2 दर्जन नेताओं को सामने आकर मोदी की काट करनी पड़ी.

इन लगभग दो दर्जन नेताओं में से एक पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के नए प्रवक्‍ता अजय माकन भी थे. अब आप इसे माकन साहब की जुबान का फिसलना कहें या उनका नौसिखियापन लेकिन उन्‍होंने मोदी के ‘धर्मनिर्पेक्षता के बुर्के’ वाले बयान का जो जवाब दिया उसकी उम्‍मीद तो खुद मोदी को भी नहीं होगी.

माकन की स्लिप ऑफ टंग ऐसी हुई कि किसी की भी हंसी छूटना कोई बड़ी बात नहीं. उन्‍होंने मोदी को जवाब देते हुए कहा, ‘मेरा ये मानना है कि सांप्रदायिकता का नंगापन, सेक्‍यूलरिज्‍म (धर्मनिर्पेक्षता) के बुर्के से कहीं बेहतर है.’ खैर एक बार तो उनके मुंह से ये निकल गया लेकिन बाद में वे संभल गए और अपनी इसी टिप्‍पणी को दूसरे तरीके से कुछ इस तरह कहा, ‘सांप्रदायिकता के नंगेपन से कहीं बेहतर है धर्मनिर्पेक्षता का बुर्का. सांप्रदायिकता देश तोड़ता है और धर्मनिर्पेक्षता देश को जोड़ता है.’

http://aajtak.intoday.in/story/ajay-makens-slip-of-tongue-1-736160.html

2 comments:

  1. मुझे तो इस बुर्के में भी खोट नजर आता है। कांग्रेस ने सामप्रदायिकता का नाम ही धर्मनिरपेक्षता रख दिया है।

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    1. बिल्कुल! कांग्रेस को अपना कोरा स्वार्थ साधने के लिए और भारत की जड़ें खोदने के लिए जो कुछ करना है उसी के फ़ैन्सी नाम हमेशा से देती आई है- 'गरीबी हटाओ','आम आदमी','धर्मनिरपेक्षता', आदि आदि। ये कोई आश्चर्य की बात तो है नहीं - कि अगर धोखेबाज धोखा दे। लेकिन लोग बार-बार धोखा खाने के लिए किसी को घर बुलाएँ (मेरा मतलब सत्तासीन करें) ये घोर आश्चर्य की बात है।

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